जी हां daily लाइफ में इस्तेमाल होने वाली बेवरेज ड्रिंक्स Lassi and छाछ बिल्कुल एक दूसरे से अलग अलग है।कभी आपने सोचा है इन दोनों ड्रिंक्स में क्या फर्क है?
दरअसल, दिखने में ये दोनों एक जैसी लगती है पर जब इन दोनों को एक साथ रख दे और उस समय इनको Taste किया जाए तब पता चलता है कि लस्सी और छाछ एक जैसी नहीं है।
तो चलिए जान लेते है कि इन दोनों में ऐसा क्या है जो इनको अलग बनता है।
1 सबसे पहले इनको बनाने का तरीका
जब हम दूध को हल्का गर्म करके थोड़ी देर बाद इसमें खट्टा (culture) डालते है ताकि इसकी दही बन जाए ।अब यही से शुरू होता है इनको बनाने का तरीका ।
जमी हुई दही को जब हम मक्खन निकालने के लिए बिलोते है और मक्खन निकाल लेते है उसके बाद जो जो बच जाता है उसको buttermilk बोलते है और buttermilk , छाछ ही होता है।
इसके विपरित जब हम सिर्फ दही को थोड़ा पानी डालकर बिलोंते है और उसमें मक्खन नहीं निकालते , तब उसको लस्सी बोलते है।
सही मायनों में बोले तो छाछ और लस्सी में सिर्फ Fat यानी मक्खन का ही फर्क है।
2) lassi की consistency
Consistency यानी उसका गाढ़ापन।
अब आपको पता है कि लस्सी बनाते समय हम दही में से मक्खन को अलग नहीं करते, इसीलिए
लस्सी ,छाछ के मुकाबले ज्यादा गाढ़ी है।
3) Taste
कुछ राज्यो के लोग लस्सी में चीनी डालकर उसको पीते है।
इसके अलावा लस्सी भी नमकीन ,मसाला ,और मीठी लस्सी होती है।
इसके विपरित छाछ का एक फिका (blend) सा टेस्ट आता है इसलिए इसमें में तरह तरह के मसाले डालकर इसको पिया जाता है।
Dairy plant में Buttermilk छाछ को जलजीरा ड्रिंक्स में बदलकर इसको बाज़ार में बेच दिया जाता है।
4) digestion
अब कुछ लोगो को प्रॉब्लम होती है कि उनको घी हजम नहीं होता। उनके लिए छाछ buttermilk बहुत ही फायदेमद है।
5) popularity
Buttermilk छाछ गुजरात में बहुत पसंद की जाती है।
जबकि लस्सी तो पंजाबियों का मनपसंद ड्रिंक्स है। पंजाब के किसी भी होटल या ढाबा हो, लस्सी हमेशा मिलेगी।
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